आज भी हमारे देश में गरीबी की वजह से तमाम लोग खाली पेट ही सोने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए बरेली आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर प्रमेन्द्र महेश्वरी ने रोटी बैंक शुरू किया है.
प्रमेन्द्र महेश्वरी का रोटी बैंक पिछले तीन सालों से शहर में संचालित है और इस अनोखे बैंक की कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा गरीबों तक खाना पहुंचे जिससे कि किसी को खाली पेट न सोना पड़े.
तीन साल से चल रहा रोटी बैंक
डॉक्टर प्रमेन्द्र महेश्वरी मौजूदा समय में आईएमए बरेली के अध्यक्ष हैं और उनकी संस्था विजन रुहेलखण्ड पिछले तीन सालों से रोटी बैंक चला रहा है.
प्रमेन्द्र महेश्वरी की इस मुहीम में उनके साथ शहर के तमाम परिवार भी जुड़ने लगे और आज 400 से ज्यादा परिवार डॉक्टर प्रमेन्द्र के रोटी बैंक से जुड़े हुए हैं.
डॉक्टर प्रमेन्द्र की अपील पर लोग दो रोटी और सूखी सब्जी इस बैंक में जमा करते हैं जिसके बाद रोटी बैंक में जमा हुए खाने को पैक कर शहर के विभिन्न स्थानों पर बांट दिया जाता है.
भोजन बचाने की अपील भी करती है संस्था
विजन रुहेलखंड न सिर्फ गरीबों को भोजन उपलब्ध करा रही है बल्कि लोगों से भोजन बचाने की भी अपील करती है. संस्था ने तमाम होटल, ढाबों, बारातघरों और रेस्टोरेंट में खाना बर्बाद न करने के स्टीकर भी लगाए हैं.
विजन रुहेलखण्ड ने स्लोगन दिया है कि इतना ही लें थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में. डॉक्टर प्रमेन्द्र लोगों से अपील भी करते हैं कि वो इन स्टीकर को उनसे प्राप्त कर लोगों को जागरूक करें.
मोदी ने भी की तारीफ
मन की बात कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रोटी बैंक के कंसेप्ट की तारीफ कर चुके हैं. डॉक्टर प्रमेन्द्र ने संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर इस काम को शुरू किया था और समय बीतने के साथ ही शहर के अन्य परिवार भी उनके इस नेक काम में सहयोग कर रहें है.