नबीरे आला हजरत मौलाना तौसीफ रजा खां शुक्रवार को अबुधाबी से वापस आ गए हैं. वह शाम लगभग पांच बजे जैसे ही अपने घर पहुंचे, मिलने वालों का तांता लग गया. अपने निवास पर प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अभी बहुत बात करने की स्थिति में नहीं हैं और न ही मौका है.
इतना जरूर कहेंगे कि वहां की हुकूमत ने अच्छा सुलूक नहीं किया, जबकि कोई ऐसी बात नहीं थी जिसकी वजह से उन्हें रोका जाता. इस मुश्किल में जिन लोगों ने भी साथ दिया. पैरवी की, उन सबके वह शुक्रगुजार है. खासतौर से केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार और भारत सरकार का दिल से आभार जताया.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर उनकी भारत से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक मदद की, यह बड़ी बात है. इसके अलावा यूएई में दूतावास की अधिकारी श्वेता और गायत्री ने भी बहुत कोशिश की. इन्हीं सब की बदौलत वह आज भारत वापस आ पाए हैं. वर्ना वहां की हुकूमत इसे मजहबी मामला बनाकर तूल दे देती.
उनके यहां पहुंचने पर लोगों ने फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया. घर पहुंचने पर भारी मजमा लग गया. देर रात तक मिलने वालों का तांता लगा रहा. इधर, दरगाह आला हजरत स्थित नूरी मेहमानखाने में उनका जमात अंसारुल इस्लाम, रजा एकेडमी, तंजीम उलमा इस्लाम की ओर से स्वागत किया गया. इस दौरान मौलाना सईद नूरी, सखी खां, हाजी इकरार नूरी, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, आरिफ रजवी आदि मौजूद रहे.