नगर निगम की टीम ने खासी मशक्कत के बाद आखिरकार सिविल लाइंस से गब्बर, सांभा और कालिया को पकड़ ही लिया. चौंकिए मत, यह सोलह आना सच है. फर्क सिर्फ इतना है कि ये तीनों फिल्म शोले के पात्र नहीं बल्कि वो घोड़े हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों से शहरवासियों की नाक में दम कर रखा था. ये घोड़े पार्षद से लेकर कई व्यापारियों तक को घायल कर चुके हैं.
घोड़ों के इस झुंड ने शहर में काफी समय से आतंक मचा रखा था. इनके उत्पात से नगर निगम ही नहीं वन विभाग और प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ था. सोशल मीडिया पर भी इनके आतंक की खबरें वायरल हो रही थीं. इन उत्पाती घोड़ों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने शुक्रवार को वैसा ही ट्रैप तैयार किया, जैसा अपराधियों को पकड़ने के लिए करते हैं.
नगरायुक्त आरके श्रीवास्तव के नेतृत्व में विजय कुमार मन्नू, राजेश कुमार, सुरेश शिंदे समेत 26 लोगों की टीम तैयार की गई. सुबह ही पूरी टीम सिविल लाइंस क्षेत्र में जाकर तैनात हो गई और घोड़ों पर नजर रखने लगी. इसके बाद उनको पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया.
चार घंटे तक करनी पड़ी मशक्कत
तीन घोड़ों को पकड़ने के लिए नगर निगम की टीम को चार घंटे मशक्कत करनी पड़ी. इससे पहले घोड़ों ने कई लोगों को जख्मी भी किया. इससे गुस्साए लोग हाथों में पत्थर और लाठियां लेकर सड़कों पर उतर आए. घोड़े कई घंटे तक सड़कों पर इधर से उधर दौड़ते रहे. उनके पीछे-पीछे नगरायुक्त और नगर निगम के कर्मचारी भी दौड़ते रहे.
एक-दूसरे को माला पहनाकर मनाई खुशी
शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बने घोड़े फिलहाल पिंजरे में हैं. घोड़ों के साथ टीम नगर निगम पहुंची तो बधाई दी गई. लोगों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर खुशी मनाई. मेयर डॉ. उमेश गौतम और नगरायुक्त आरके श्रीवास्तव को भी लोगों ने बधाई दी. इसी दौरान तीनों घोड़ों को गब्बर, सांभा और कालिया नाम दिए गए.
30 से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके हैं
लोगों का कहना है कि ये घोड़े 30 से ज्यादा लोगों को जख्मी कर चुके हैं. पार्षद सतीश कातिब ने बताया कि पिछले दिनों सिविल लाइंस क्षेत्र में उन पर भी घोड़ों ने हमला कर दिया था. उनके हाथ, पैर, गर्दन पर चोट आई थी. उनका कहना है कि घोड़े बेकाबू थे, किसी को भी देखते ही हमला कर देते थे. अवध कुमार अग्रवाल ने बताया कि कचहरी रोड स्थित किंग कोर्स कॉलोनी निवासी संजय अग्रवाल पर भी घोड़ों ने हमला किया था. उन्हें मिशन अस्पताल ले जाना पड़ा. वहां से उन्हें मेडिसिटी अस्पताल रेफर कर दिया गया.
घोड़ों को लेने से विभागों ने किया इंकार
शहरवासियों पर जानलेवा हमला करने वाले घोड़ों को निगम ने पकड़ तो लिया, मगर अब उन्हें कोई भी विभाग अपनी सुपुर्दगी में लेने को तैयार नहीं है. वहीं, ये घोड़े डेयरी संचालकों के बताए जा रहे हैं. नगरायुक्त ने कहा है कि डेयरी वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.