आला हजरत की लिखी 400 किताबों की लगेगी नुमाइश आला हजरत के सौ साला उर्से रजवी में इस बार उनकी लिखी 400 किताबों की नुमाइश (प्रदर्शनी) लगेगी। उनके हाथों लिखी किताबों की मूल प्रति के साथ ही प्रकाशित किताबें भी शामिल होंगी।
इमाम अहमद रजा अकादमी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। आला हजरत की प्रमुख किताबों में फतावा रजविया, अल दौलत-उल मककिया (जिसे हजरत ने सऊदी अरब के मक्का शरीफ में महज आठ घंटे में लिखा था) कंजुल ईमान, नातिया दीवान, हदाइख-ए-बख्शिश आदि किताबें शामिल हैं। दरअसल आला हजरत का इल्म उर्दू-अरबी तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह विज्ञान, गणित पर भी मजबूत पकड़ रखते थे।
दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी के मुताबिक आला हजरत के हाथों से लिखी किताबों की प्रदर्शनी लगाने का मकसद है कि नौजवान इल्म की अहमियत को समझें। किताबें पढ़ें। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां उर्फ सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में इस्लामिया मैदान में यह प्रदर्शनी लगेगी। इमाम अहमद रजा अकादमी के मुफ्ती हनीफ रजवी ने बताया कि प्रदर्शनी की तैयारी शुरू हो गई है।
आला हजरत ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहतशिम रजा खान ने मंगलवार को उर्से रजवी की तैयारियों को लेकर बैठक की। ट्रस्ट से जुड़े लोगों को उनके काम की जिम्मेदारी सौंपी। देश-विदेश से आने वाले जायरीन की खिदमत का संदेश दिया है। बैठक में महासचिव चंगेज खान, मुजफ्फर रजा, हाफिज शाहबाज आदि मौजूद रहे।