बरेली: दो दिन पहले अजंता इंडस्ट्री और श्यामगंज स्थित मुख्य आउटलेट पर आयकर टीम के छापा में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. फैक्ट्री परिसर में बड़ी मात्रा में रिफाइंड-वनस्पति ऑयल का स्टाक मिलने और कंप्यूटर से मिली होलसेल रेट की सूची पर आयकर विभाग ने सवाल उठाए हैं. अजंता फर्म से 14 आउटलेटस को थोक में मिठाई-नमकीन काफी कम कीमतों पर सप्लाई होती है.
बताया जाता है कि थोक में लड्डू का रेट करीब सौ रुपये है, जबकि रिटेल में इसकी बिक्री 380 रुपये प्रति किलो हो रही है. इस हेराफेरी को लेकर ग्राहक भी सवाल उठाने लगे हैं. इसके साथ ही, एफएसडीए और वाणिज्यकर विभाग ने भी निगाहें गड़ा दी हैं.
देसी घी के नाम पर मिठाई और नमकीन उद्योग में बड़ा खेल हो रहा है. ग्राहक देसी घी से निर्मित मानकर खरीदता है लेकिन जब उसे यह पता चलता है कि उसके साथ धोखा हुआ है तो वह अपने को ठगा सा महसूस करता है. मिठाई-नमकीन में इस्तेमाल हो रही सामग्री की जानकारी पैकिंग पर आमतौर पर छापी नहीं जाती, इसके साथ ही, अनाप-शनाप कीमतें भी कारोबारियों ने तय कर रखी हैं.
जिला प्रशासन और संबंधित विभाग भी आंखें बंद किए बैठे हैं और ग्राहक लुट रहा है. अजंता इंडस्ट्री परिसर में आयकर टीम ने जब बड़ी मात्रा में रिफाइंड-वनस्पति ऑयल का स्टॉक देखा तो पूछताछ भी की. स्टाफ ने बताया कि इसका इस्तेमाल मिठाई, नमकीन और बेकरी आदि में किया जाता है. इसका खुलासा हुआ तो खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के अफसर भी जाग गए.
फैक्ट्री परिसर स्थित कार्यालय से आयकर टीम ने थोक में सप्लाई होने वाली मिठाई, नमकीन और बेकरी की सूची मांगी. मौजूद स्टाफ और फर्म संचालकों ने हाथ खड़े कर दिए. तब आयकर अफसरों ने आंखें तरेरीं और कंप्यूटर खंगालना शुरू कर दिया. कंप्यूटर में थोक रेट सूची मिल गई. इसमें जो सप्लाई कीमत लिखी थी वह रिटेल से तीन गुना अधिक तक अंतर मिला.
टीम ने सूची कब्जे में लेकर जांच का हिस्सा बना लिया है. सूत्रों ने बताया कि थोक में लड्डू सौ रुपये किलो तक दिया जाना दर्शाया गया है. ऐसे ही काजू बर्फी की कीमत में भी बड़ा अंतर मिला है.
अजंता स्वीट्स फैक्ट्री परिसर में बड़ी तादाद में मौजूद रिफाइंड/वनस्पति ऑयल स्टॉक की जानकारी मिलने पर खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) अफसर सक्रिय हो गए हैं. शुक्रवार दोपहर में एफएसडीए की खुफिया टीम फैक्ट्री पहुंची और अंजान बनकर स्टाफ से इसकी जानकारी ली. स्टाफ ने बताया कि इसका इस्तेमाल मिठाई, नमकीन और बेकरी में किया जाता है. इसके बाद अफसरों ने बड़ी कार्रवाई करने की रणनीति बनाना शुरू कर दी है. उनका कहना है कि यह ग्राहकों के साथ धोखा करने के साथ ही सेहत के साथ खिलवाड़ भी है.
पता चला है कि फैक्ट्री के कुछ स्टाफ अपने भुगतान आदि को लेकर असंतुष्ट चल रहे हैं. स्टाफ का कहना है कि वे औद्योगिक गतिविधियों का एक हिस्सा हैं. उनको ईपीएफ और श्रम कानून का लाभ मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा है.
एक स्टाफ ने बताया कि फैक्ट्री मेें काफी तादाद में कर्मचारी कार्यरत हैं. लेकिन उन्हें नियमानुसार वेतन आदि नहीं मिलता है. समझा जाता है कि इन असंतुष्ट कर्मचारियों ने ही आयकर टीम को सूचना दी होगी. अब वाणिज्यकर विभाग की भी नजरें टेढ़ी हो गई हैं. वह आयकर विभाग से ब्योरा मांग रहा है, इसके साथ ही थोक की भी सूची मांगी है.